A Secret Weapon For Shiv chaisa
A Secret Weapon For Shiv chaisa
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला॥
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
डग मग नैया ढोल रही है पवन का तेज है बहाओ,
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
श्री शिव भजन – शंकर मेरा प्यारा लिरिक्स…